योग से ना सिर्फ शरीर बल्कि मन दुरूस्त रहता है। थायरॉयड और तनाव में भी यह असरदार है। कुछ शोध बताते हैं कि योग प्राकृतिक रूप से थायरॉयड की समस्या को सुधारता है और उपचार कर सकता है। यौगिक जीवनशैली से तनाव दूर रहता है। सामान्य रूप से थायरॉयड में मदद मिलती है और गले मे थायरॉयड ग्लैंड के एनर्जी के बहाव और ब्ल ड सर्कुलेशन में सुधार लाता है। यह गर्दन की मसल्सि को भी ताकत और स्ट्रेैच करता है। योग के जानकारों का कहना है कि इससे थायरॉयड में राहत मिलती है।
1. सर्वांगासन
यह थायरॉक्सीन को कंट्रोल करने व थायरॉयड ग्लैंड को कंट्रोल करने में मदद करता है। यह आसन उल्टी तरह होने से ब्लसड को पैरों की तरफ से ब्रेन तक बहता है, जो थाइरॉयड समस्या में हेल्पी करता है।
2. भुजंगासन
यह आसन गले व गर्दन को अच्छे से स्ट्रे च करता है, जिससे थायरॉयड की समस्या में राहत मिलती है। साथ ही गर्दन दर्द भी कम होता है, जो स्नायु को दृढ़ और मजबूत बनाता है।
3. मत्स्यासन
मत्स्यासन या मछली का पोज बनाने से गले को खिंचाव मिलता है तथा जोड़ों को कड़क होने से रोकता है। शरीर को आराम देता है और थायरॉयड की वजह से जो तनाव कम करता है।
4. सेतु बंधआसन
यह सीधे थायरॉयड ग्लैंड व गले की मसल पर खिंचाव देता है और दिमाग शांत करने में मदद करता है। तनाव या व्यग्रता को दूर करता है साथ ही डाइजेशन को सुधारता है।
5. प्राणायाम
प्राणायाम जैसे कि उज्जयी, भ्रामरी, डायफ्रोमेटिक ब्रीदिंग और नाड़ीशोधन प्राणायाम थायरॉयड को बेलेंस करने में मदद करते हैं और गले की मसल पर सीधे असर डालता है और अच्छी तरह काम करने में मदद करता है।
6. मेडीटेशन
मंत्र जप भी थायरॉयड के लिए अच्छा है। ध्यान मन को शांत तथा तनाव को कम करता है।
7. शवासन
शवासन दोनों प्रकार – हाइपर और हाइपोथायरॉयड की समस्या में काम करता है। यह मन को शांत करता है साथ ही तनाव को कम करने सहायक है।
इसमें पूरी तरह से नींद लेना बहुत आवश्यक है। शरीर कुदरती तौर पर मेलाटेनिन हार्मोन छोड़ता है, अच्छी नींद आती है। पीनियल ग्लैंड अच्छे से काम कर पाती है, जिससे हमारे शरीर के हार्मोन्स को बैलेंस करने में हेल्प मिलती है।
योग आपके शरीर, दिमाग और श्वास में फायदा करता है, नियमित अभ्यास करें व पूरी जागरूकता के साथ करें। डॉक्टर के परामर्श पर थायरॉयड की दवाइयां लेना बंद कर दें। योग एक जीवन जीने का तरीका है अभ्यास रोज करें व ध्यानपूर्वक अपनी क्षमता का ध्यान रखें।